पिता हमारे

पिता हमारे तू जो करता स्वर्ग धाम में वास,
पावन तेरा नाम सदा हो आवे तेरा राज,
स्वर्ग समान हो तेरी इच्छा धरती तल पर पूरण,

हर दिन का आहार हमारा कर दे आज प्रदान,
और हमारे अपराधों को क्षमा दान कर नाथ,

जो अपने अपराधी जन को हम करते हैं माफ़,
न परीक्षा ले हमारी किन्तु बुराई से बचा.

क्योंकि तेरा राज तेरा सामर्थ्य और तेरी महिमा,
अनंत काल तक बनी रहती है
बनी रहती है (2)

Pita hamare

Our Father