प्यासा हिरन

प्यासा हिरन जैसे ढूँढे हैं जल को
वैसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा।

तू ही मेरे मन की अभिलाषा
तेरी पूजा नित दिन करता रहूँ मैं

सोना चाँदी मैं तो न माँगू
मन तेरे प्रेम से भरता रहूँ मैं

तू जो बन जाये श्रद्धा सुमन
पुष्प पराग सा झरता रहूँ मैं

Pyaasa hiran

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