जब जब हम गायेंगे

स्वर जो हमारे होठों पे है।
उस मैं छुपी है स्वामी तेरी ही धुन
तेरे दरवाज़े पे आते हैं हम
पग-पग गाते हुए तेरे ही धुन

जब जब हम गायेंगे, तेरा यश गायेंगे
महिमा तेरी सदा, सब को सुनायेंगे

सृष्टि में गूँजे तराने तेरे
जीवों ने तेरी ही तारीफ की
तेरे चमक से सुहाना लगे
चाँद-सितारों का प्रकाश भी

सारी दुनिया में चारों पहर
स्वर के राजा तेरा सम्मान हो
युग-युग तेरी ही कीर्ति चलें
जीवन हमारी तेरी पहचान हो

Jab jab ham gayenge