स्वीकार लो भगवन्, उपहार हे दिल की ममता तव प्रेम की बहे सरिता, सदा मिले हमें प्रभुता ये दाखरस रोटी वर लो, विनती प्रभु सुन लो। स्वीकार लो भगवन् तुम हो पिता प्रभु करतार, हमें करो मिटे विपदा ये कामना पूरी कर लो, विनती प्रभु सुन लो।
Offertory