प्रभु को हम भेंट चढ़ायें

प्रभु को हम भेंट चढ़ायें,
और गायें उसका नाम सदा (2)

जो भी हमारा दान तुम्हारा,
ग्रहण करो उपहार हमारा
लाये चरणों में अर्पित करने, (2)
स्वीकारो हे भाग्य विधाता

मानव श्रम की रोटी जिनका,
रूप यही है ईश्वर तन का,
आये चरणों में भेंट चढ़ाने (2),
अपनाओ हे मुक्ति विधाता ।

दाख कटोरा मानव श्रम का,
ले लो प्रभु जी लोहू हमारा
आये पापी सकल चढ़ाने, (2)
स्वीकारो हे सकल विधाता ।

Prabhu ko ham bhet chadaye

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